विकलांग व्यक्तियों का कल्याण

दिव्यांगजनों के लिए योजनाएं

राज्य सरकार ने विकलांगजन के लिए वर्ष 2017-2018 मे ’असीम’ नाम से एक विस्तृत एकीकृत योजना अधिसूचित की है। इस योजना के निम्न घटक है :-

सर्वेक्षण, शीघ्र पहचान एंव अनुसंधान (SURVEY, EARLY DETECTION AND RESERCH)

उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों की दिव्यांगता की प्रतिशतता, उनके आर्थिक व शैक्षणिक स्तर की स्थिति तथा अपंग राहत भत्ता व दिव्यांगता पहचान पत्रों से सम्बन्धित तथ्यों की सही जानकारी इत्यादि का आंकलन करना । इस के अतिरिक्त दिव्यांगता के कारणों का पता लगाने व दिव्यांगता निवारण के लिए अनुसंधान करना ।
पात्रता

दिव्यांगता के शीघ्र निवारण हेतु चिकित्सा विभाग द्वारा हर वर्ष 0 से 12 वर्ष तक के   बच्चों  की चिकित्सा जांच की जा रही है। अनुसंधान हेतु विश्व विद्यालय,  गैर सरकारी संगठन व अन्य संस्थाएं जिन्हे मामले में अच्छा ज्ञान हो, सहायता की पात्र  होगीं ।

सहायता दिव्यांगता की शीघ्र पहचान व निवारण हेतु आवश्यक अनुसंधान के लिए विश्वविद्यालय/ स्वंय सेवी संस्थाओं को अनुदान व चिकित्सा शिविरों के आयोजन हेतु 2.00 लाख रू0 की धनराशि।
सम्पर्क अधिकारी

निदेशक, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं विशेष रूप से सक्षम का सशक्तिकरण हि0प्र0।

जागरूकता अभियान  (AWARENESS GENERATION AND ORIENTATION)

उद्देश्य दिव्यांगों को प्रदान की जा रही सुविधाओं व दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के प्रावधानों का प्रचार। राज्य स्तर पर दिव्यांग व्यक्तियों  की सुविधा के लिए बाधा रहित वातावरण के निर्माण व प्रशिक्षकों के लिए कार्यशालाओं का आयोजन।
पात्रता

दिव्यांगता के क्षेत्रा में कार्यरत संस्थाओं/ दिव्यांग संघ/ दिव्यांगजन व साधारण जनमानस हेतु विभाग द्वारा जिला व ब्लाक स्तर पर जागरूकता कैम्पों/ कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है ।

सम्पर्क अधिकारी जिला कल्याण अधिकारी/ तहसील कल्याण अधिकारी।
   

दिव्यांग छात्र/छात्राओं को छात्रवृति  (Scholarship to Disabled Students)

उद्देश्य शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रोत्साहन।
पात्रता

ऐसे दिव्यांग छात्र/छात्राएं जो सरकार द्वारा संचालित शैक्षिणिक संस्थानों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हो, जिनकी दिव्यांगता 40 प्रतिशत या इस से अधिक चिकित्सा बोर्ड द्वारा आंकी गई हो को बिना किसी आय सीमा के छात्रवृति प्रदान की जाती है।

सहायता

पात्र छात्रों को निम्नलिखित मासिक दरों पर छात्रवृति उपलब्ध करवाई जाती हैः-

कक्षा  दिवस छात्र छात्रावास में रह रहे छात्र
पहली  से पाचवीं तक 625/- 1875/-
छठी से आठवीं तक 750/- 1875/-
नवीं व दसवीं तक 950/- 1875/-
10 जमा एक व दो पोस्ट मैट्रिक कोर्स 1250/- 2500/-
डिप्लोमा कोर्स 10 जमा दो के बाद 1875/- 3750/-
बी0ए0/ बी0एस0सी0/ बी0 काॅम इत्यादि 1875/- 3750/-
एल0एल0बी0/बी0एड0 
एम0ए0/एम0एस0ई0/एम0एड0/पोस्ट ग्रेजूएट डिप्लोमा कोर्स एम0ए0 व एम0एस0सी0 के बाद
2250/- 3750/-
बी0ई0/बी0टैक/एम0 बी0 बी 0 एस0 3750/- 5000/-
प्रक्रिया

पात्र छात्र निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन सम्बन्धित पाठशाला/ संस्थान के माध्यम से जिला कल्याण अधिकारियों को  आय प्रमाण-पत्र, दिव्यांगता प्रमाण-पत्र , हिमाचली प्रमाण पत्र सहित भिजवा सकते है।

सम्पर्क अधिकारी

निदेशक, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं विशेष रूप से सक्षम का सशक्तिकरण हि0 प्र0।

दिव्यांगो को  विवाह अनुदान  (MARRIAGE GRANT TO PERSONS WITH DISABILITIES)

उद्देश्य शारीरिक रूप से सक्षम व्यक्तियों को दिव्यांग व्यक्तियों के साथ विवाह के लिए प्रेरित करना।
पात्रता

40 प्रतिशत  या इससे  अधिक दिव्यांगता से ग्रस्त पुरूष / महिला से शादी करने वाले शारीरिक रूप से सक्षम व्यक्ति अथवा आजीविका अर्जित करने योग्य अक्षम व्यक्ति ।

सहायता 40 प्रतिशत से 74 प्रतिशत तक दिव्यांगता से ग्रस्त व्यक्ति से विवाह करने पर 25000/- रू0 तथा 75 प्रतिशत से 100 प्रतिशत दिव्यांगता से ग्रस्त व्यक्ति से विवाह  करने पर 50000/-रू0  की सहायता उपलब्ध करवाई जाती है।  यदि दम्पति दिव्यांग हो तो उन्हें भी उनकी दिव्यांगता अनुसार सहायता उपलब्ध करवाई जाती है।
प्रक्रिया

अभ्यार्थी को  निर्धारित प्रपत्र पर सम्बन्धित जिला कल्याण अधिकारी/ तहसील कल्याण अधिकारी  के कार्यालय में निर्धारत प्रपत्र पर आवेदन करना होगा।

सम्पर्क अधिकारी

जिला कल्याण अधिकारी/ तहसील कल्याण अधिकारी।

दिव्यांगो को स्वः रोजगार  (Self Employment to Disabled)

उद्देश्य विकलांगों को स्वः रोजगार स् थापित करके आत्म-निर्भर बनाने हेतु ।
पात्रता

ऐसे व्यक्ति जिनकी विकलांगता 40 प्रतिशत या इससे अधिक हो तथा जिनकी वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्रों में 1.60 लाख व शहरी क्षेत्रों में 2.00 लाख रू0 से अधिक न हो।

सहायता योजना के अन्तर्गत पात्र दिव्यांग व्यक्तियों को लघु औद्योगिक इकाईयां स्थापित करने के लिए अल्प संख्यक वित्त एंव विकास निगम के माध्यम से ऋण उपलब्ध करवाए  जाते हैं जिस पर सामाजिक न्याय एंव अधिकारिता विभाग मु0 10000/-रू0 या परियोजना लागत का 20 प्रतिशत (जो भी कम हो) का उपदान उपलब्ध करवाता है ।
प्रक्रिया

अभ्यर्थी को  निर्धारित प्रपत्रा पर प्रबन्ध निदेशक, अल्प संख्यक वित्त एंव विकास निगम अथवा सम्बन्धित जिला कल्याण अधिकारी/ तहसील कल्याण अधिकारी  के कार्यालय में निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन करना होगा।

सम्पर्क अधिकारी

प्रबन्ध निदेशक, अल्प संख्यक वित्त एंव विकास निगम, जिला कल्याण अधिकारी/तहसील कल्याण अधिकारी।

दिव्यांग बच्चों के विशेष गृह/ स्कूल  (Special School/Home for Disabled Children)

उद्देश्य दिव्यांगता से ग्रस्त बच्चे जो सामान्य स्कूलों में शिक्षा ग्रहण नही कर सकते उन्हें शिक्षा/ व्यवसायिक प्रशिक्षण उपलब्ध करवाना।
प्रक्रिया

जिला स्तरीय चिकित्सा बोर्ड द्वारा जारी दिव्यांगता प्रमाण पत्र, आयु प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र , सम्बन्धित उपमण्डलाधिकारी/ सक्षम राजस्व अधिकारी से प्राप्त हिमाचली प्रमाण पत्रा सहित जिला कल्याण अधिकारी / तहसील कल्याण अधिकारी/स्वैच्छिक संस्थान को आवेदन करना होगा ।

सम्पर्क अधिकारी निदेशक, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं विशेष रूप से सक्षम का सशक्तिकरण हि0प्र0।
 

 

पुरस्कार योजना  (INCENTIVES TO BEST EMPLOYERS AND BEST PERFORMING  PWDs)

उद्देश्य दिव्यांग को निजी क्षेत्र में रोजगार के अवसर देने वाले नियोक्ताओं को प्रोत्साहन देना, उत्कृष्ट कार्य करने वाले विकलांग जन को पुरस्कृत करना तथा उनमें आत्म सम्मान की भावना जागृत करना ।
पात्रता

निजी क्षेेत्र में अधिक से अधिक दिव्यांगो को रोजगार प्रदान करने वाले नियोक्ता व दिव्यांगता की तीन श्रेणियों (दृष्टिहीन, मूकबधिर व अस्थिदोष) .में दिव्यांगता के वावजूद उत्कृष्ट कार्य करने वाले विकलांगजन।

सहायता तीन उत्कृष्ट कार्य करने वाले दिव्यांगजन को 30000 रू0 प्रति व निजी उद्यमी को 30000 रू0 का नकद पुरस्कार  देने का प्रावधान है।
प्रक्रिया

प्रति वर्ष नामांकन विभाग द्वारा प्रकाशित विज्ञापन में दी गई तिथि तक जिलाधीश/ जिला कल्याण अधिकारी के माध्यम से सामाजिक न्याय एंव अधिकारिता विभाग को प्रस्तुत करना होगा।

दिव्यांगता पहचान पत्र  (IDENTITY  CARD TO DISABLED)

उद्देश्य दिव्यांगो को सरकार द्वारा चलाई जा रही  विभिन्न योजनाओं/ सुविधाओं के लाभ उठाने हेतु।
प्रक्रिया
  • इच्छुक दिव्यांग व्यक्ति को सम्बन्धित जिला के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में गठित चिकित्सा बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत हो कर अपनी चिकित्सा जांच करवानी होगी । जांच के लिये सम्बन्धित मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दो फोटो सहित आवेदन करना होगा तथा बोर्ड द्वारा 40 प्रतिशत या इस अधिक दिव्यांगता के आंकलन की स्थिति में दिव्यांगता प्रमाण पत्रा जारी किये जाते है।
  • दिव्यांगता पहचान पत्र जारी करवाने के लिये सम्बन्धित व्यक्ति को निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन देना होगा जिसके साथ आयु प्रमाण पत्र, स्थाई पते का प्रमाण तथा  20/-रू (कार्ड का मुल्य) दिव्यांगता प्रमाण पत्र  सम्बन्धित जिला कल्याण अधिकारी /तहसील कल्याण अधिकारी को सीधे या पंचायत स्तर पर स्थापित लोक मित्र केन्द्र के माध्यम से जमा करवाना होगा। विशिष्ट दिव्यांजन पहचान पत्र  (Unique Disability Identification Card)
  •  कार्ड हेतु आवेदन लोकमित्र केन्द्र के माध्यम से या स्वयं http://www.swavlambancard.gov.in/pwd/application बेवसाइट पर आनलाॅइन किया जा सकता है। आनलाॅइन प्राप्त आवेदनो के सत्यापन हेतु जिला चिकित्सा अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
सम्पर्क अधिकारी जिला कल्याण अधिकारी/ जिला चिकित्सा अधिकारी/तहसील कल्याण अधिकारी /सम्बन्धित पंचायत में स्थापित लोक मित्र केन्द्र।
 

 

राष्ट्रीय दिव्यांजन वित्त एवं विकास निगम  (National Disabled Finance and Development Corporation)

उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों को आत्मनिर्भर बनाने व स्वः रोजगार स्थापित  करने हेतु   राज्य में हि0 प्र0 अल्प संख्यक वित्त एवं विकास निगम (चैन्लाइजिंग ऐजेन्सी) केे माध्यम से  ऋण उपलब्ध करवाना।
पात्रता

ऐसे बेरोजगार हिमाचली  दिव्यांग व्यक्ति जिनकी दिव्यांगता 40 प्रतिशत या अधिक हो व जिनकी वार्षिक आय 3,00000/- रूपये (ग्रामीण क्षेत्रा) एवं 5,00,000/- रू0 (शहरी क्षेत्रा) से कम हो।

सहायता विभिन्न व्यवसाय स्थापित करने के लिए 25,00,000/-रूपये तक ऋण 5 से 8  प्रतिशत व्याज की दर पर उपलब्ध  करवाना । दिव्यांग महिलाओं हेतु इस व्याज की दर में 1 प्रतिशत अतिरक्ति छूट का प्रावधान है।
प्रक्रिया निर्धारित प्रपत्र पर प्रार्थना पत्रा जिला कल्याण अधिकारी व तहसील कल्याण अधिकारी को दिव्यांगता प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र तथा जिस कार्य हेतु उसे अनुदान चाहिए का प्राकलन तथा  जमानती दस्तावेज सलंग्न कर   भिजवाने होते हैं।
सम्पर्क अधिकारी

निदेशक, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं विशेष रूप से सक्षम का सशक्तिकरण हि0प्र0ृ/ प्रबन्ध निदेशक, हि0 प्र0 अल्प संख्यक वित्त एंव विकास निगम/ सम्बन्धित जिला कल्याण अधिकारी/ तहसील कल्याण अधिकारी ।

दिव्यांग व्यक्तियों के लिए राष्ट्रीय  पुर्नवास कार्यक्रम (National Programme for Rehabilitation of Persons with Disablities)

उद्देश्य कम्यूनिटी बेसड रिहेब्लिटेशन वर्कर (सी0बी0आर0डब्ल्यू )नेटवर्क के माध्यम से दिव्यांग व्यक्तियों के पुर्नवास हेतु विभिन्न योजनाओं का संचालन।
दिव्यांग व्यक्तियों को सहायक उपकरण उपलब्ध करवा कर उन्हे पुनर्वासित करना।
सहायता

दिव्यांग व्यक्तियों को सहायक उपकरण उपलब्ध करवा कर उन्हे पुनर्वासित करना।

कार्यक्रम 

जिला पुर्नवास केन्द्र हमीरपुर व कांगड़ा के माध्यम से अक्षम व्यक्तिओं के पुर्नवास के लिए विभिन्न सेवायें प्रदान की जा रही है:-

  • अक्षम व्यक्तियों की पहचान करके दिव्यांगता की रोकथाम एवं उपचार करना।
  • विशेषज्ञ सेवायें (फिजिओथेरेपी, आक्यूपेशनल थेरेपी, आडियोलोजिकल असेसमेन्ट)  ऐडस एवं ऐप्लाएन्सीज (कृत्रिम अंग , श्रवण यन्त्रा , व्हील चेयर इत्यादि) उपलब्ध करवाना।
  • प्रशिक्षण , शिक्षा एवं व्यवसायिक प्रशिक्षण के लिए परामर्श सेवायें प्रदान करना।
सम्पर्क अधिकारी

परियोजना अधिकारी, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण कांगडा व हमीरपुर/ जिला कल्याण अधिकारी कांगडा व हमीरपुर।

(ख). केन्द्रीय प्रायोजित योजनाएं

सहायक उपकरण/ कृत्रिम अंग लगवाने व खरीदने हेतु सहायता  (Assistance to Disabled  for Purchase of Aids and Appliances)

उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों को आधुनिक सहायक उपकरण उपलब्ध करवा कर उन्हें पुर्नवासित करना ।
पात्रता

योजना के संचालन हेतु निम्न लिखित ऐजेंसी अनुदान प्राप्त कर सकती हैः- 

  • सभाऐ पंजीकरण अधिनियम 1860 के अन्तर्गत पंजीकृत संस्था
  • पंजीकृत चैरीटेबल  ट्रस्ट।
  • भारतीय रैड-क्रास की शाखाएं ।
  • जिला ग्रामीण विकास अभिकरण ।
सहायता
  • योजना के अन्तर्गत अधिकतम 10000/- रू0 तक के सहायक उपकरण  (सुनने की मशीन , व्हील चेयर, ट्राई साईकल , कैलिपर , बैसाखियां, कृत्रिम अंग इत्यादि) उपलब्ध करवाना ।
  • योजना अनुसार ऐसे दिव्यांग व्यक्ति जिनकी मासिक आय 15000/- रू0 तक हो , को सहायक उपकरण बिल्कुल मुफत तथा जिनकी मासिक आय  15000/-रू0 से 20,000/-रू0 तक हो , को 50 प्रतिशत अनुदान पर सहायक उपकरण  उपलब्ध करवाए जाते हैं।
  • 20,000/- रू0 से अधिक मासिक आय वाले दिव्यांग व्यक्तियों को पूरी कीमत पर सहायक उपकरण  उपलब्ध करवाये जाते हैं।
प्रक्रिया सहायक उपकरण  प्राप्त करने के लिये प्रार्थी को सम्बन्धित संस्था से सम्पर्क करना होगा जो आवश्यक सहायक उपकरण  के लिये प्रार्थी का आकलन करवायेगी।आकलन उपरान्त प्रार्थी को निर्धारित प्रपत्र पर  आवेदन के साथ आय प्रमाण पत्र सम्बन्धित राजस्व अधिकारी से  जारी करवाकर सम्बन्धित संस्था को प्रस्तुत करना होगा।
सम्पर्क अधिकारी

निदेशक, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं विशेष रूप से सक्षम का सशक्तिकरण हि0प्र0/ जिला कल्याण अधिकारी / तहसील कल्याण अधिकारी। इसके अतिरिक्त प्रदेश में निम्न संस्थाओं को भारत सरकार से समय-2 पर योजना संचालन हेतू अनुदान दिया गया  है, जिनसे संपर्क किया जा सकता हैः- 

1.    रैडक्रास सोसाईटी किन्नौर/ मण्डी

2.    डी0आर0डी0ए0 चम्बा/सोलन/बिलासपुर/हमीरपुर/शिमला/ कांगड़ा /सिरमौर ।

3.    विकलांग उपकार केन्द्र ,नालागढ़ जिला सोलन ।

4.    जिला विकलांगता पुर्नवास केन्द्र कांगड़ा/हमीरपुर/शिमला ।

दीन दयाल विकलांग पुनर्वास योजना  (Composite Resource Centre for Persons with Disablities)

उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों को उनकी शिक्षा, व्यवसायिक प्रशिक्षण तथा उन्हें पुर्नवासित करने के लिए स्वयं सेवी  संस्थाओं को विभिन्न योजनायंे चलाने के लिए पे्ररित करना।
पात्रता

योजना के संचालन हेतु जो  ऐजेंसी अनुदान प्राप्त कर सकती  हैः-

(क) सभाऐ पंजीकरण अधिनियम 1860 या राज्य सरकार के समतुल्य अधिनियम के अन्तर्गत पंजीकृत संस्था ।

(ख) पंजीकृत चैरीटेबल  ट्रस्ट।

(ग) भारतीय रैड-क्रास की शाखाएं।

(घ)  जिला ग्रामीण विकास अभिकरण ।

सहायता अनुदान प्रस्ताव की 100 प्रतिशत राशि ।
सम्पर्क अधिकारी

निदेशक, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं विशेष रूप से सक्षम का सशक्तिकरण हि0प्र0/ जिला कल्याण अधिकारी ।

दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम,2016 के कार्यान्वयन हेतु योजना (सिपडा)

(Scheme for Implementation of Rights of Persons with Disabilities Act,2016 (SIPDA)​)

उद्देश्य दिव्यांग व्यक्ति  अधिनियम  के  कार्यान्वयन  हेतु  विभिन्न   कार्याकलापों विशेषकर विश्विद्यालयों, सार्वजनिक भवनों राज्य सरकार सचिवालयों, राज्य दिव्यांग आयुक्त के कार्यालय  आदि में बाधामुक्त वातावरण सृजित किये जाने हेतु राज्य सरकार द्वारा संचालित संस्थानों / संगठनों को वितीय सहायता प्रदान करना।
पात्रता

वित्तीय  सहायता अनुदान सहायता के रूप में निम्न ऐजेंसियों को उपलब्ध करवाई जाएगी।

  • राज्य सरकार /राज्य विश्विद्यालय / सरकार द्वारा स्थापित स्वायत्त शासी  संगठन।
  • सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अन्तर्गत राष्ट्रीय संस्थान / सी आर सी/ डी डी आर सी इत्यादि।
  • सरकार द्वारा स्थपित संगठन / संस्थान /मान्यता प्राप्त खेल कूद निकाय व परिसंघ।
सहायता महत्वपूर्ण सरकारी भवनों में बाधा रहित वातावरण का निर्माण करने, राज्य व जिला स्तर पर बैबसाईटों को सुगम्यता बनाना, नए सी आर सी/ डी डी आर सी की स्थापना , दिव्यांगता से जुड़े मुददों पर सर्वे, जांच तथा अनुसंधान करने सहित दिव्यांगता के क्षेत्रा में अनंसंधान तथा विकास गतिविधियों को बढ़ाना इत्यादि।
सम्पर्क अधिकारी निदेशक, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं विशेष रूप से सक्षम का सशक्तिकरण हि0प्र0/ जिला कल्याण अधिकारी मण्डी/ प्रभारी क्षेत्राीय स्रोत केन्द्र, सुन्दरनगर ।

जिला विकलांगता पुनर्वास केन्द्र(District Disability Rehabilitation Centre (DDRC))

उद्देश्य जागरूकता पैदा कर पुनर्वास, प्रशिक्षण तथा पुनर्वास व्यवसायियों के दिशा निर्देशन हेतु जिला स्तर पर अवसरंचना के सृजन एंव क्षमता निर्माण।
सहायता

केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा डीडीआरसी को वित्तीय ढांचागत, प्रशासन और तकनीकी सहायता उपलब्ध करवाई जाती है जिससे कि वे सम्बन्धित जिलों में पुर्नवास सेवायें मुहैया कराने की स्थिति में हो।

कार्यक्रम

जिला विकलंागता पुनर्वास केन्द्र दिव्यांग व्यक्तिओं के पुर्नवास के लिए विभिन्न सेवायें प्रदान की जा रही है:-

  • दिव्यांग व्यक्तियों का सर्वेक्षण व पहचान करना।
  • दिव्यांगता से बचाव करने, शीघ्र पहचान करने हेतु जागरूता सृजन।
  • दिव्यांग व्यक्तियों कोे विभिन्न रियायतें व सुविधाएं प्रदान करना
  • बाधा रहित वातावरण का निर्माण
  • दिव्यांग व्यक्तियों की व्यवसायिक प्रशिक्षण के संवर्धन और नियोजन हेतु सहायक और अनुपूरक सेवाएं मुहैया करना। 
सम्पर्क अधिकारी निदेशक, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एंव अल्पसंख्यक मामले/सम्बन्धित उपायुक्त।

मानसिक रोग से ग्रस्त ऐसे व्यक्ति जो उपचार के बाद ठीक हो चुके है के पुर्नवास हेतु “हाफ वे होम योजना

(Scheme for setting up of “Half Way Homes” in the state for rehabilitation of persons who have been treated and fully recovered from Mental illness​​)

उद्देश्य हिमाचल प्रदेश में मानसिक रोग से ग्रस्त व्यक्ति जो उपचार के बाद ठीक हो चुके है और जिनकी मानसिक रोग चिकित्सालय/संस्थान से छुट्टी हो चुकी है तथा जो अपने परिवारजनों के साथ नहीं रहना चाहते है या परिवारजन उन्हें घर नहीं ले जाना चाहते हैं, उनके पुनर्वास हेतु “हाफ वे होम योजना“ की स्थापना की गई है
सहायता

राज्य सरकार से प्राप्त 90ः10 की दर से सहायता-अनुदान की राशि द्वारा “हाफ वे होम योजना“ का संचालन गैर-सरकारी संस्थाओं के माध्यम से किया जा रहा है।

कार्यक्रम

वर्तमान में दो “हाफ वे होम योजना“ एक कुनिहार, जिला सोलन में महिलाओं के लिए, दूसरा नागचला, जिला मण्डी में पुरषों के लिए चलाए जा रहे है। इनमे मानसिक रोग से ग्रस्त व्यक्ति जो उपचार के बाद ठीक हो चुके है, उन्हें निम्न प्रकार से पुर्नवास सेवाएं  प्रदान की जा रही हैः-

  • सभी प्रकार से स्वास्थय सेवायें प्रदान करना।
  • भोजन व ठहरने की पूर्ण सुविधा प्रदान करना।
  • बाधा रहित वातावरण का निर्माण करना।
  • सफाई व स्वच्छता का वातावरण सुनिश्चित करना।
  • सामाजिक एवं सांस्कृतिक मनोरंजन सम्बन्धि सुविधाएं प्रदान करना।
सम्पर्क अधिकारी निदेशक, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं विशेष रूप से सक्षम का सशक्तिकरण हिमाचल प्रदेश/ जिला कल्याण अधिकारी तहसील कल्याण अधिकारी।
अंतिम संशोधित तिथि : 08-10-2021
Updated On : 03 /19 /2024 - 10:51
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