अन्य कल्याण योजनाएं

(क). राज्य योजनाएं

स्वयं सेवी सस्थाओं को अनुदान योजना (Grant-in-Aid Scheme to Voluntary Organisations)
उद्देश्य कमजोर वर्गो के उत्थान हेतु स्वयं  सेवी संस्थाओं द्वारा कल्याणकारी योजनाओं के संचालन हेतु अनुदान उपलब्ध करवाना।
सहायता 90ः20 अनुपात में अनुदान दिया जाता है।
पात्रता
  • सभाऐं पंजीकरण अधिनियम 1860 के अन्तर्गत पंजीकृत  संख्या/ पंजीकृत चैरीटेबल ट्रस्ट ।
  • संस्था कम से कम तीन वर्ष से अधिक सम्बन्धित क्षेत्रा में कार्य कर रही हो।
प्रक्रिया

पात्र संस्था निर्धारित प्रपत्र पर निम्नलिखित दस्तावेज सहित आवेदन कर सकती हैः-

  • संस्था का पंजीकरण प्रमाण पत्र ।
  • संख्या के उप-नियमों की प्रति।
  • प्रबन्ध समीति सदस्यो की सूची।
  • कर्मचारियों की सूची।
  • गत वर्ष की अंकेक्षित तुलना पत्र।
  • संस्था की वार्षिक प्रगति रिपोर्ट।
  • गत वर्ष के अनुदान के उपयोग प्रमाण पत्र।
  • सम्बन्धित जिला कल्याण अधिकारी की निरीक्षण रिपोर्ट।
सम्पर्क अधिकारी निदेशक, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं विशेष रूप से सक्षम का सशक्तिकरण हि0प्र0/ जिला कल्याण अधिकारी / तहसील कल्याण अधिकारी ।

सुनिश्चित रोजगार के लिये योग्यता बढ़ाने हेतु प्रशिक्षण योजना

(Skill  Up-Gradation with Job/Placement (SUJOP Scheme))

उद्देश्य हिमाचल प्रदेश के 40 प्रतिशत से अधिक विकलांगता वाले दिव्यांगजन असहाय अथवा परित्यक्त/ विधवा महिलाएं नारी सेवा सदन, बाल-बालिका आश्रम के पूर्व आवासी, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक समुदायों से सम्बन्धित अभ्यार्थियों को विभिन्न औद्योगिक इकाइयों के माध्यम से प्रशिक्षण उपरान्त रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाना।
पात्रता हिमाचल प्रदेश के सभी वर्गो से सम्बन्धित अभ्यार्थियों जिनकी आयु 18 से 45 वर्ष के मध्य हो तथा  परिवार की वार्षिक आय समस्त स्रोतों से 2,00,000/-रूपये से कम हो तथा न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता मान्यता प्राप्त बोर्ड़/विश्वविद्यालय से प्राप्त की हो व प्रस्तावित विभिन्न व्यवसायिक प्रशिक्षण हेतु निर्धारित शैक्षणिक योग्यतानुसार पात्र हों।
सहायता प्राधिकृत एवं चयनित संस्थानों के माध्यम से 3 माह से लेकर 2 वर्ष तक की अवधि के प्रशिक्षण उपलब्ध करवाने हेतु 5000/- रूपये प्रतिमाह तक की फीस का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त रहन-सहन (ठवंतकपदह - स्वकहपदह) के प्रावधान हेतु भी 5000/-रूपये तक की राशि प्रति प्रशिक्षा टप्प् प्रति माह उपलब्ध करवाई जाती है। इसके अतिरिक्त प्रशिक्षण के दौरान गैर-आवासीय प्रशिक्षणार्थियों को प्रतिमाह 1000/-रूपये की छात्रावृति तथा दिव्यांग प्रशिक्षणार्थी को 1200/-रूपये प्रति माह छात्रवृति प्रदान की जाती है। प्रशिक्षणोंपरान्त 6 माह तक 1500/-रूपये की छात्रवृति तथा दिव्यांग अभ्यार्थियों को 1800/-रूपये की छात्रवृति प्रदान की जाती है। सम्बन्धित प्राधिकृत संस्थान का यह भी दायित्व है कि वह प्रशिक्षण उपरान्त उद्योग/औद्योगिक इकाईयों में कम से कम एक वर्ष का रोजगार भी उपलब्ध करवाएंगे।
प्रक्रिया

अभ्यार्थियों का चयन हेतु निदेशक, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं विशेष रूप से सक्षम का सशक्तिकरण हि0प्र0  अथवा उनके द्वारा प्राधिकृत अधिकारी द्वारा स्थानीय मीडिया, रेडियो तथा समाचार पत्रों में विज्ञप्ति जारी करने उपरान्त नियमानुसार किया जाता है।

सम्पर्क अधिकारी निदेशक  अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं विशेष रूप से सक्षम का सशक्तिकरण हि0प्र0/जिला  कल्याण  अधिकारी  एवं तहसील  कल्याण अधिकारी।

(ख) केन्द्रीय प्रायोजित योजनाएंः

मादक द्रव्य तथा नशा निवारण के लिये योजना

(Scheme for Prevention of Alcoholism and Substance Abuse (Drugs))

उद्देश्य मादक द्रव्य तथा नशे के कुप्रभाव बारे जागरूकता लाना तथा कम्यूनिटी सर्विसस के अन्तर्गत काउन्सलिंग केन्द्र स्थापित करना।
पात्रता
  • संस्था सहकारी पंजीकरण अधिनियम 1860 के अन्तर्गत पंजीकृत हो या पंजीकृत चैरीटेबल ट्रस्ट हो।
  • संस्था कम से कम तीन वर्ष से अधिक सम्बन्धित क्षेत्रा में कार्य कर रही हो।
सहायता केन्द्र सरकार द्वारा 90ः10 अनुपात में पुर्नवास केन्द्रो, जागरूकता, नशानिवारण हेतु शिक्षा इत्यादि के लिये अनुदान दिया जाता है।
सम्पर्क अधिकारी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मन्त्रालय भारत सरकार (www.socialjustice.nic.in), निदेशक, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं विशेष रूप से सक्षम का सशक्तिकरण हि0प्र0।
राष्ट्रीय परिवार सहायता कार्यक्रम (National family Benefit Scheme)
उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारो के मुख्य आजीविका कमाने वाले की मृत्यु होने पर एकमुश्त सहायता देना।
पात्रता गरीबी रेखा से नीचे रहे परिवारो के मुख्य आजीविका कमाने वाले परिवार के पुरूष अथवा महिला की मृत्यु 18 से 59 वर्ष की आयु मे होने पर 20,000/- की सहायता दी जाती है।
सम्पर्क अधिकारी  सम्बन्धित, खण्ड विकास अधिकारी , परियोजना अधिकारी/डी0आर0डी0ए0/ निदेशक, ग्रामीण विकासए जिला  कल्याण  अधिकारी  एवं तहसील  कल्याण अधिकारी।
अंतिम संशोधित तिथि : 10-10-2021
Updated On : 04 /09 /2024 - 04:53
back-to-top